एक बार किसी मंदिर के बाहर कमल खीचड़ में खिल रहा था, लोग उसकी सुंदरता देखने के लिए वह खड़े रहते और ये देख कमल बहुत खुश होता ... धीरे -धीरे उसे खुद पर गर्व होने लगा.. एक तरफ कमल सोचता मैं कितना मोहक और सुन्दर हूँ और दूसरी तरफ सोचता पर रहता तो इस गन्दी कीचड़ के बीच ही हूँ जहा कोई मेरे पास नहीं आ सकता। <br />Visit our Website : http://hindi.webdunia.com/<br />Like us on Facebook : https://www.facebook.com/webduniahindi/<br />Follow us on Twitter : https://twitter.com/webduniahindi<br />Follow us on Instagram : https://www.instagram.com/webduniahindi/
